उत्तराखण्ड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ का दो दिवसीय अधिवेशन हुआ शुरू
उत्तराखण्ड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ के जनपद टिहरी गढ़वाल का दो दिवसीय अधिवेशन विकास भवन के नजदीक इन्ट्रीगेटेड सेंटर सभागार में शुरू हुआ।
बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित ने दीप प्रज्वलित्त कर अधिवेशन के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने की शुभकामनाए उपस्थित कार्मिकों को दी।
इस अवसर पर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के पद्वाधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक कार्मिक के तौर पर अन्य के लिए अनुकरणीय बन सके।
इस अवसर पर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के पद्वाधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी को 11 सूत्री मांग पत्र प्रेषित किया।
विकासखण्ड कीर्तिनगर को रोजमेरी व डेंडिलियन के प्लांट लगाने, विकास खण्ड चम्बा को फूलों की खेती करने, प्रतापनगर और थौलधार को कीवी की खेती को बढ़ाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कल देर सांय कलेक्टेªट सभागार में ग्रामीण उद्यम त्वरण परियोजना की बैठक ली, जिसमें विभिन्न विकासखण्ड़ों के उद्यमी, असिस्टेंट मैनेजर, वित विभाग, सेल्स एंड मार्केटिंग, जिला प्रोग्राम मैनेजर एवं खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों एवं पीडी डीआरडीए को प्रत्येक विकासखण्ड से दो-दो उत्पादों के क्षेत्रों को और विकसित करने के निर्देश दिये। विकासखण्ड कीर्तिनगर को रोजमेरी व डेंडिलियन के प्लांट लगाने, विकास खण्ड चम्बा को फूलों की खेती करने, प्रतापनगर और थौलधार को कीवी की खेती को बढ़ाने के निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि फार्म और नॉन फार्म के अन्तर्गत समूहों की गतिविधियों को विकसित कर उद्यमी महिलाओं की आय में वृद्वी करे और जिस प्रकार उत्पादों की गुणवत्ता रखी जाती उसी प्रकार पैकिंग की गुणवत्ता पर भी ध्यान रखने की जरूरत है।
जिलाधिकारी द्वारा जौनपुर बीडीओ को पनीर वैली की वैल्यू-चैन विकसित करने हेतु भंडार सुरक्षा, परिवहन आदि की रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया।
बैठक में पीडी डीआरडीए पीएस चौहान, खण्ड विकास अधिकारी चम्बा शाकिब हुसैन, नरेन्द्रनगर श्रुति वत्स, कीर्तिनगर सुमनलता, जौनपुर अर्जुन सिंह, सहित अन्य खण्ड विकास अधिकारी व विभिन्न समूह के सदस्य एवं रीप परियोजना के कार्मिक उपस्थित थे।
उत्तराखंड सचिवालय मे ड्राइवर पर आया देवता CM धामी पर बताया सकंट ,जांच में जुटी पुलिस
देहरादून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सोमवार को सचिवालय में पहुंचते ही एक व्यक्ति पर अचानक से देवता प्रकट हो गया। इस दौरान वह व्यक्ति आदेश आदेश कहते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर संकट आने की बात कहता हुआ नजर आ रहा है। इस पूरे प्रकरण को देखते हुए वहां पर मौजूद अन्य कर्मचारियों मे अफरा तफरी का माहौल देखने को मिला। वहीं सुरक्षाकर्मी व्यक्ति को संभालते हुए नजर आए।
घटना सोमवार सुबह की है, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सचिवालय में चार धाम से संबंधित बैठक लेने पहुंचे थे। जैसे ही मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचे, तभी ड्राइवर मुख्यमंत्री को देखकर जोर-जोर से चिल्लाने लगा।
बताया जा रहा है कि ड्राइवर पहले से ही सचिवालय में नंगे पांव आया था। उस पर देवता आए हुए थे। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है। लेकिन ड्राइवर ने ऐसा क्यों किया, इस बात को लेकर सचिवालय में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
देवता आना सोची समझी रणनीति
मुख्य व्यवस्था अधिकारी राज्य संपत्ति रविंद्रा पांडेय ने वाहन चालक को निलंबित करने और मुख्यालय से बाहर तैनाती के साथ-साथ उसकी मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण जबरन सेवानिवृत्त करने की सिफारिश की है। मुख्य व्यवस्थाअधिकारी ने निलंबन पत्र में लिखा है कि वाहन चालक पर सचिवालय में देवता आना एक सोची समझी रणनीति है। वह स्वयं भी उत्तराखंड पृष्ठभूमि से हैं, उत्तराखंड रीति रिवाज के अनुसार पैतृक स्थानों और देवस्थानों में विधिवत आवाह्न करने पर ही किसी व्यक्ति पर देवता आते हैं।
17 जनवरी 2024 को प्रताप नगर प्रखंड के हेरवाल गांव निवासी रामचंद्री देवी के परिजनों ने रामचंन्द्री देवी को परसव पीड़ा के बाद लमगांव चोण्ड अस्पताल भर्ती कराया अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा लगभग चार घंटे अस्पताल में ही रोका गया जब रामचंद्र देवी की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई उसके बाद आनंन फानन में जिला अस्पताल बौराड़ी के लिए रेफर किया गया चांठी डोबरा के निकट जच्चा बच्चा सहित रामचंद्रि की मौत हो गई थी।1 साल बीतने के बाद भी जब परिजनों को न्याय नहीं मिला तो आज परीजन जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा के साथ जिलाधिकारी से मिलने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिले और उनसे परिवार के भरण पोषण और रोजगार देने की मांग की जिलाधिकारी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित कर आश्वासन के बाद परिजन घर चले गए।जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा की प्रताप नगर विधानसभा के चोण्ड अस्पताल में इस तरह की कई घटनाएं हुई उन पीड़ित परिवारों को आज तक ना तो कोई भरण पोषण की बात हुयी और ना उनके रोजगार की कोई व्यवस्था हुई न ही कोई न्याय नहीं मिला और ना ही जिम्मेदार व्यक्ति को उसकी सजा मिली। इस तरह की घटनाओं से आम जनमानस का शासन प्रशासन के प्रति विश्वास उठता जा रहा है।उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी टिहरी से पीड़ित परिवारों के भरण पोषण और रोजगार देने की मांग की
टिहरी गढ़वाल। नई टिहरी में आगामी मई माह में आयोजित होने वाली रामलीला के सफल संचालन के लिए आज एक महत्वपूर्ण बैठक बौराड़ी स्टेडियम स्थित रामलीला मंच पर संपन्न हुई। बैठक में रामलीला आयोजन समिति के गठन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई और सर्वसम्मति से कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया।
बैठक में संयोजक के रूप में डॉ. राकेश भूषण गोदियाल को चुना गया, जबकि अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी श्री देवेंद्र नौडियाल को सौंपी गई। महासचिव के रूप में श्री अमित पंत को नामित किया गया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष की भूमिका श्री राकेश लांबा निभाएंगे। इसके अलावा, उपाध्यक्ष पद पर तीन व्यक्तियों को नियुक्त किया गया, जिनमें श्री भगवान चंद्र रमोला, श्री मनोज राय एवं श्रीमती उर्मिला राणा शामिल हैं।
सचिव पद के लिए चार व्यक्तियों को चयनित किया गया, जिनमें श्री मानवेंद्र रावत, श्री गंगा भगत सिंह नेगी, श्री नंदू वाल्मीकि और श्री अमित रतूड़ी शामिल हैं। संगठन सचिव की जिम्मेदारी श्री चरण सिंह नेगी, श्री राजीव रावत, श्री हरीश घिल्डियाल, श्री शंकर राम सैनी और श्रीमती जसोदा नेगी को सौंपी गई। वहीं, कोषाध्यक्ष के रूप में श्री सुनील बधानी को नियुक्त किया गया।
इसके अतिरिक्त, अन्य सक्रिय कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। वहीं, रामलीला के पूर्व अध्यक्ष, नगर पालिका के वर्तमान अध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों को संरक्षक मंडल में रखा गया है, जिससे आयोजन को व्यापक समर्थन मिल सके।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्री मोहन सिंह रावत, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेंद्र सिंह असवाल, अधिवक्ता श्री महावीर प्रसाद उनियाल, श्री महिपाल सिंह नेगी, समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री महावीर प्रसाद उनियाल, श्री देशभूषण जोशी, श्री दिनेश बर्थवाल, श्री मनोज शाह, श्री मनीष पंत, श्री संतोष पांडे, श्री शंकर नेगी समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। बैठक में रामलीला के सफल एवं भव्य आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष श्री मोहन सिंह रावत के नेतृत्व में भागीरथीपुरम में स्वच्छता अभियान किया गया संचालित
नई टिहरी नगर को स्वच्छ बनाने के संकल्प को आगे बढ़ते हुए मेन मार्केट भागीरथीपुरम में पालिका अध्यक्ष श्री मोहन सिंह रावत के नेतृत्व में पालिका सभासद श्री खेमराज सिंह रावत,श्री मानवेंद्र सिंह रावत, श्री नवीन सेमवाल, श्रीमती मधु भट्ट, श्रीमती सीमा नेगी, श्रीमती रितु भूषण स्नेही,श्री प्रवेश चौहान के साथ-साथ स्थानीय व्यापारियों एवं पालिका के कर्मचारियों द्वारा संयुक्त रूप से स्वच्छता अभियान संचालित किया गया। पालिका के नवनिर्वाचित बोर्ड के गठन के पश्चात निरंतर साप्ताहिक रूप से संपूर्ण नगर क्षेत्र में जन सहयोग के माध्यम से सफाई अभियान संचालित किया जा रहा है जिसके लिए पालिका अध्यक्ष, सभासद गण एवं कर्मचारियों द्वारा पालिका की बस पर एक साथ संयुक्त रूप से बैठकर भागीरथीपुरम पहुंचे। जिससे प्रेरित होकर स्थानीय लोगों एवं व्यापारियों द्वारा भी बढ़-चढ़कर स्वच्छता अभियान में प्रतिभाग किया। अध्यक्ष नगरपालिका परिषद टिहरी द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से अनुरोध किया गया कि कोई भी व्यक्ति अपने आसपास किसी सार्वजनिक एवं खाली स्थान पर कूड़ा न डालें और सभी लोग अपने घर के कूड़े को जैविक, अजैविक, हजार्ड वेस्ट एवं सेनेटरी वेस्ट को अलग-अलग कर पालिका द्वारा संचालित कूड़ा वाहनों में ही डालें। साथ ही हम सब लोग यूजर चार्ज का नियमित रूप से भुगतान करें और आपके क्षेत्र में सफाई कार्य हेतु नियुक्त कार्मिक/स्वच्छता योद्धा को सहयोग एवं अपना मार्गदर्शन दे ताकि हम सब लोग मिलकर इस नई टिहरी नगर को स्वच्छ, सुंदर एवं प्रदूषण मुक्त शहर के रूप में विकसित कर सकें। सफाई अभियान में पालिका की सफाई निरीक्षक श्री प्रीतम सिंह नेगी, वरिष्ठ सहायक श्री शिव सिंह सजवान, श्री शीशपाल सिंह सजवान, श्री चरण सिंह नेगी, श्री विजेंद्र कुमार, श्री बलबीर पवार, श्री सुरेंद्र सिंह बिष्ट, श्री सुनील सिंह भंडारी,श्री परमवीर चौहान, श्री पूरन सिंह राणा, कुमारी लाविका मैसेस जीरो वेस्ट से श्री सुमित, श्री विशाल, श्री मनीष, श्री पंकज के साथ-साथ पालिका के सफाई प्रभारी श्री राजेश कुमार, श्री सुधीर,श्री सोनी, श्री सोनू, श्री जॉनी, श्री राजेंद्र एवं श्री संजय आदि उपस्थित रहे। माननीय अध्यक्ष द्वारा अपने संबोधन में अवगत कराया गया कि नगर को स्वच्छ सुंदर बनाने का मैंने एवं मेरे संपूर्ण बोर्ड ने संकल्प लिया है और इसी को आगे बढ़कर हम निरंतर नगर के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं जिसे जन सहयोग के माध्यम से और भी भव्य बनाया जाएगा।
हाल ही में आयोजित Champions Trophy में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ एक शानदार प्रदर्शन किया, जिसके कारण यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार बन गया। यह मैच प्रारंभ से ही विशेष रूप से रोमांचक रहा। भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया, जो उनके लिए एक रणनीतिक लाभ साबित हुआ। इंग्लैंड की बल्लेबाजी कमजोर साबित हुई और भारत के गेंदबाजों ने अपने प्रभावशाली प्रदर्शन से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पवेलियन लौटने पर मजबूर कर दिया। भारत के मुख्य गेंदबाजों ने अपनी विविधता और सटीकता से चुनौतीपूर्ण बल्लेबाजी पर नियंत्रण रखा।
भारत की गेंदबाजी में विशेषकर जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी का योगदान उल्लेखनीय रहा। बुमराह ने अपनी धारदार Yorkers से इंग्लैंड के प्रमुख बल्लेबाजों को निपटाते हुए उनकी बल्लेबाजी की धारा को मोड़ दिया। वहीं, शमी ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से बल्लेबाजों को भ्रामक स्थितियों में डाला। इसके साथ ही, भारतीय क्षेत्ररक्षक भी अपने तेज़ और प्रभावशाली फील्डिंग के लिए सराहे गए, जिसने कई महत्वपूर्ण कैच और रन-आउट्स की मदद की।
जब भारत की बारी बल्लेबाजी की थी, तो उन्होंने एक मजबूत शुरुआत की और धीरे-धीरे एक जीत के लिए आवश्यक लक्ष्य की ओर बढ़े। शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने उत्कृष्ट साझेदारियों का निर्माण किया, जिससे इंग्लैंड के गेंदबाजों पर दबाव बना रहा। भारतीय टीम ने अपनी बल्लेबाजी में धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन बनाते हुए मैच को अपने पक्ष में रख लिया। हालांकि, इंग्लैंड की टीम कुछ और तरीके अपनाने को तैयार रही, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों की अनुकूलता और कुशलता ने उन्हें असफल कर दिया। ऐसे में, यह जीत न केवल भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी है कि टीम अपनी उच्चतम क्षमता को पहचान चुकी है और उसे मजबूती से प्रस्तुत किया।
खिलाड़ियों का प्रदर्शन: सितारों की चमक
Champions Trophy में भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने असाधारण प्रदर्शन किया। कप्तान ने अपनी अनुभवी कप्तानी से न केवल टीम को प्रेरित किया, बल्कि महत्वपूर्ण रन भी बनाए। उनके द्वारा खेली गई पारी ने भारत को एक संतोषजनक स्कोर तक पहुँचाने में मदद की। पार्थिव पटेल की ओपनिंग जोड़ी ने शुरुआत में मजबूत नींव रखी। दोनों ने मिलकर गेंदबाज़ों के खिलाफ आक्रामक खेल दिखाया और पहले दस ओवरों में रन बनाते रहे। उनकी साझेदारी ने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को दबाव में रखा।
क्रुणाल पांड्या, जो एक प्रमुख बल्लेबाज हैं, ने मध्यक्रम में अपने अनुभव का बखान किया। उन्होंने आवश्यक समय पर रन बनाकर दबाव को कम किया, और अपनी पारी के दौरान इंग्लैंड के गेंदबाज़ों की धुनाई की। इसके साथ ही, भारतीय टीम के मुख्य गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। विशेष रूप से भुवनेश्वर कुमार ने अपने स्विंगिंग गेंदबाज़ी कौशल से महत्वपूर्ण विकेट निकाले। उनका टीवी पर दिखाया गया विशेष आउट होना इस मैच की मुख्य विशेषता रहा।
खिलाड़ियों की मानसिकता और तैयारी भी इस जीत में अहम भूमिका निभाई। मैच से पहले की रणनीतिक बैठकें और अभ्यास सत्र ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाया। खिलाड़ियों ने अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे उन्होंने न केवल अपने व्यक्तिगत कौशल को बेहतर बनाया, बल्कि समग्र टीम प्रदर्शन में भी योगदान दिया। इस प्रकार, भारत के सितारों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और विश्व क्रिकेट में एक नई पहचान बनाई।
मैच के बाद की प्रतिक्रिया और विश्लेषण
भारत की विजिति ने न केवल देश के क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह का संचार किया, बल्कि यह कई क्रिकेट विशेषज्ञों और कोचों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है। इस मैच के बाद, पूर्व खिलाड़ियों और विश्लेषकों ने भारत की टीम की रणनीति और प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान ने जीत के बाद अपनी संतोष की बात करते हुए कहा कि यह जीत टीम की मेहनत का फल है। उन्होंने खिलाड़ियों की एकता और समर्पण को भी उजागर किया, जो इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में काफी प्रभावी साबित हुआ।
इंग्लैंड की टीम ने भी अपनी हार पर विचार करते हुए कहा कि उन्हें अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करने होंगे। उनकी कोचिंग स्टाफ ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण किया और कुछ संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया जहां सुधार की आवश्यकता है। इस खेल से स्पष्ट है कि इंग्लैंड की टीम को अब अपनी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए नई रणनीतियों का निर्माण करना होगा।
इस जीत का भारत के क्रिकेट के भविष्य पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह केवल इस मैच की जीत नहीं है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय है। आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में संतुलन रखने में सफलता पाई है, जो आगामी मैचों के लिए सकारात्मक संकेत है। इसमें तथ्य यह है कि टीम ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी गति और वैविध्य में सुधार किया है, जो उन्हें उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में सहायक रहेगा।
इस मैच के बाद, भारतीय क्रिकेट की स्थिति और इंग्लैंड की टीम की अपेक्षाएं दोनों को ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि टीम आगे बढ़ने के लिए अपने अनुभव और कौशल का सही उपयोग करे। विशेषज्ञों की राय में, यह दोनों टीमों के लिए एक सीखने का अवसर है और भविष्य में प्रतिस्पर्धा को और भी रोमांचक बनाएगा।
चैम्पियंस ट्रॉफी का भविष्य: भारत का जादुई सफर
भारतीय क्रिकेट ने जब से गुरुवार की शाम को इंग्लैंड को हराया, तब से चैम्पियंस ट्रॉफी में उसके भविष्य को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस जीत ने भारतीय टीम के मनोबल को और बढ़ा दिया है और उम्मीदें जगा दी हैं कि वे आने वाले मैचों में भी इसी तरह का प्रदर्शन जारी रख सकेंगे। क्रिकेट के इस प्रारूप में भारत की अब तक की यात्रा अत्यंत रोमांचक रही है, जिसमें कई ऐतिहासिक मोड़ आए हैं।
भारत की क्रिकेट यात्रा का संबंध केवल खिलाड़ियों की संख्या या उनके अनुभव से नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक मजबूत विकासात्मक दृष्टिकोण भी है। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने युवा प्रतिभाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे नए खिलाडियों को भारत की राष्ट्रीय टीम में शामिल होने का मौका मिला है। इससे न केवल भारतीय क्रिकेट का स्तर बढ़ा है, बल्कि खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा की भावना भी जगी है।
भविष्य के संदर्भ में, भारतीय टीम के आगामी मुकाबले और भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। चैम्पियंस ट्रॉफी के अगले संस्करणों में, भारत को शारजाह में होने वाले मैचों में अन्य टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी, जहां बल्लेबाजी और गेंदबाजी का सामंजस्य बनाए रखना आवश्यक होगा। आगे बढ़ने के लिए, भारत को पिछले मैचों के अनुभवों से सीख लेकर, अपनी रणनीतियाँ विकसित करनी होंगी। इसके लिए प्रशिक्षकों और विश्लेषकों को संयोजित प्रयास करने की आवश्यकता है। निस्संदेह, भारतीय क्रिकेट के भविष्य में युवा खिलाड़ियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी, जो अपने अनुभव और उत्साह के साथ टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।