
उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वच्छता अभियान शुरू किया है, जिससे तीर्थयात्रियों और आम जनता के लिए स्वच्छ और सुरक्षित भोजन सुनिश्चित हो सके। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती के साथ, यात्रा मार्गों पर होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट और खाद्य विक्रेताओं की नियमित जांच की जाएगी। मिलावट पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा।उत्तराखंड सरकार ने खाद्य मिलावट के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है और तीर्थयात्रियों और आम जनता के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाला भोजन सुनिश्चित करने के लिए चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया है। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा और पर्यटन स्थलों पर खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की है।
नियमित रूप से होगी जांच
हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून, टिहरी और ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में स्थायी खाद्य सुरक्षा अधिकारी तैनात किए गए हैं। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जैसे अन्य जिलों से अतिरिक्त अधिकारी तैनात किए जाएंगे साथ ही यात्रा मार्गों और प्रमुख तीर्थ स्थलों पर होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट, मिठाई विक्रेता और खाद्य विक्रेताओं की नियमित रूप से जांच की जाएगी। हाईवे और यात्रा मार्गों पर मोबाइल टेस्टिंग लैब के जरिए खाद्य सुरक्षा टीमें तैनात की जाएंगी।
दूध से बने उत्पाद, मसाले, तेल, आटा, मैदा, मिठाई, शीतल पेय और पैक्ड फूड जैसे उत्पादों की प्रयोगशाला में जांच की जाएगी। मिलावट पाए जाने पर एफएसएसएआई एक्ट 2006 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के खाद्य कारोबार करने वालों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य कारोबारियों को स्वच्छता और गुणवत्ता बनाए रखने के विशेष निर्देश दिए गए हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। यात्रा मार्गों पर गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन अनिवार्य किए जाएंगे। होटल, ढाबों और रेस्टोरेंट में सख्त कचरा प्रबंधन नियम लागू होंगे।