धामी सरकार में अब इसी माह प्रशासनिक फेरबदल की संभावना है। वरिष्ठ नौकरशाह आनंद बर्द्धन के मुख्य सचिव बनने के बाद उनके विभागों का आवंटन अन्य वरिष्ठ नौकरशाहों को दिया जा सकता है। तीन प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई और आर मीनाक्षी सुंदरम शासन में तैनात हैं।
प्रशासनिक व्यवस्था के नए मुखिया की तैनाती के बाद अब धामी सरकार में प्रशासनिक फेरबदल की संभावना है। शासन में तैनात वरिष्ठ नौकरशाहों के प्रभारों में बदलाव हो सकता है। मुख्यमंत्री इसी महीने प्रशासनिक फेरबदल को अंजाम दे सकते हैं। इस फेरबदल में कुछ जिलाधिकारियों को भी इधर से उधर किया जा सकता है।
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही धामी सरकार अब प्रशासनिक फेरबदल को अंजाम देगी। वरिष्ठ नौकरशाह आनंद बर्द्धन के मुख्य सचिव बनने के बाद उनके विभागों का आवंटन अन्य वरिष्ठ नौकरशाहों को दिया जा सकता है। तीन प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई और आर मीनाक्षी सुंदरम शासन में तैनात हैं।
बर्धन के सीएस बनने से खाली हुए उनके प्रमुख प्रभारों का बंटवारा इन तीनों प्रमुख सचिवों के बीच हो सकता है। इनके अलावा शासन में तैनात सचिवों को भी नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। अपर सचिव से सचिव पद पदोन्नत हुए उन नौकरशाहों को कुछ प्रमुख विभाग मिल सकते हैं, जो अभी एक या दो प्रभार देख रहे हैं।
अपर सचिव स्तर पर भी कुछ अधिकारियों के प्रभार बदले जा सकते हैं। शासन के अलावा कुछ जिलों में जिलाधिकारियों को बदले जाने की चर्चाएं गर्म हैं। माना जा रहा है कि गढ़वाल और कुमाऊं के दो-दो जिलों के जिलाधिकारियों को इधर से उधर किया जा सकता है। अगले महीने चूंकि पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसलिए बड़ा प्रशासनिक फेरबदल पंचायत चुनाव से पहले इसी महीने होने की संभावना है।
उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव आईएएस अधिकारी आनंद बर्द्धन को बनाया गया हैं। आनंद बर्द्धन एक अप्रैल को पदभार ग्रहण करेंगे।
प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद बर्द्धन को उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आनंद बर्द्धन एक अप्रैल को पदभार ग्रहण करेंगे।
बता दें कि, बर्द्धन 1992 बैच के अधिकारी हैं। उत्तराखंड की नौकरशाही में बर्द्धन वर्तमान में सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति के दृष्टिगत् विभाग हेतु निर्धारित राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति, विभागीय कार्यहित में कार्यों के समयबद्ध निस्तारण एवं बजट सम्बन्धी कार्यों के संपादन हेतु दिनांक 30.03.2025 (रविवार) को अन्य कार्यदिवसों की भाँति कार्यालय महानिरीक्षक निबंधन, उत्तराखण्ड, देहरादून सहित उत्तराखण्ड राज्य में अवस्थित स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के समस्त कार्यालय खुले रहेंगे।
जाखणीधार की ब्लॉक प्रशासक और विधायक प्रतिनिधि व पूर्व ब्लॉक प्रमुख जगदंबा रतूड़ी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सरकारी स्टॉलों का किया निरीक्षण
सेवा,सुशासन और विकास के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विकासखंड जाखणीधार के पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार में आयोजित बहुउद्देशीय और चिकित्सा शिविर में ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया गया। ग्रामीणों को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट से लेकर बीज,खाद्य से लेकर स्वास्थ्य जांच भी की गई।
शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में जाखणीधार की ब्लॉक प्रशासक और विधायक प्रतिनिधि व पूर्व ब्लॉक प्रमुख जगदंबा रतूड़ी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सरकारी स्टॉलों का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस तरह के शिविर लगा रही है। कहा कि सरकारी कार्यक्रमों का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। कहा कि प्रदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के तीन साल में समान नागरिक संहिता,सख्त भू-कानून,नकल विरोधी कानून,महिलाओं,राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का प्रावधान किया है। इस मौके पर खंड विकास अधिकारी रोशन लाल,निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य विनोद बिष्ट,नवाकोट के ग्राम प्रशासक भगवती रतूड़ी,सीताराम भट्ट,विजय हटवाल,लक्की सेनवाल,अजय पेटवाल,राम दयाल रतूड़ी,बाल विकास की रजनी भट्ट,दीपिका तिवारी,संगीता रतूड़ी आदि मौजूद थे।
देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर सोमवार सुबह एक भयानक हादसा हुआ। लच्छीवाला टोल प्लाजा पर एक बेकाबू डंपर ने तीन कारों को जोरदार टक्कर मार दी। इसके बाद यह खंभे से टकरा गया। हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
सोमवार सुबह देहरादून-हरिद्वार की ओर जा रहे डंपर (UK18CA6636) का लच्छीवाला टोल प्लाजा के पास ब्रेक फेल हो गया। डंपर ने अनियंत्रित होकर 03 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर टोल प्लाजा के पोल से टकरा गया। डंपर की चपेट में आने से 02 वाहन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और एक वाहन (UK07AF2506) डंपर और पोल के बीच फंसकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
इस कार में बैठे 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मृतकों के शवों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला और मोर्चरी में भिजवाया गया। मृतको में से एक व्यक्ति की पहचान रतनमणि उनियाल निवासी इंद्रप्रस्थ एनक्लेव रायपुर देहरादून के रूप में हुई है। दूसरे मृतक के पास से पंकज कुमार पुत्र किशोरी लाल पवार के नाम का पहचान पत्र मिला है, जिसकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने डंपर चालक को हिरासत में ले लिया है।
PREVUttarakhand Politics: उत्तराखंड में इन दिनों राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं जोरों पर हैं. इसके साथ ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को बदलने को लेकर भी सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं. इन दोनों अहम फैसलों पर प्रदेशभर की नजरें दिल्ली पर टिकी हुई हैं, जहां बीजेपी हाईकमान इस पर मंथन कर रहा है
उत्तराखंड सरकार में इस समय कैबिनेट के पांच पद खाली हैं. राज्य में कुल 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं, लेकिन वर्तमान में केवल सात मंत्री ही कार्यरत हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास अकेले 50 से अधिक विभागों की जिम्मेदारी है, जिससे मंत्रिमंडल विस्तार की आवश्यकता महसूस की जा रही है.
कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच कुछ मौजूदा मंत्रियों के हटने की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं. माना जा रहा है कि हाईकमान मंत्रिमंडल में युवा और नए चेहरों को मौका दे सकता है. इसके लिए मुख्यमंत्री धामी खुद दिल्ली जाकर हाईकमान से मुलाकात कर चुके हैं
कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री धामी के साथ कई विधायकों को भी दिल्ली बुलाया गया. इनमें केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, हरिद्वार जिले की रानीपुर विधानसभा सीट से विधायक आदेश चौहान, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार, राजपुर रोड विधायक खजान दास, गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय और रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा शामिल हैं. इन नेताओं ने दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम से मुलाकात की.
विधायकों का दिल्ली दौरा यह संकेत दे रहा है कि कैबिनेट विस्तार जल्द ही हो सकता है और पार्टी कुछ नए चेहरों को मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंप सकती हैकैबिनेट विस्तार के साथ ही उत्तराखंड में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को बदले जाने की भी चर्चाएं जोरों पर हैं. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट राज्यसभा सांसद बनने के बाद नई जिम्मेदारियों में व्यस्त हैं. ऐसे में प्रदेश बीजेपी की कमान किसी नए नेता को सौंपे जाने की संभावना जताई जा रही है.
इस पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं, जिनमें हरिद्वार से विधायक आदेश चौहान, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, खजान दास और धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार के नाम शामिल हैं. हालांकि, अंतिम फैसला दिल्ली में बीजेपी हाईकमान को लेना है
कैबिनेट विस्तार और प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर प्रदेश के बीजेपी नेताओं की धड़कनें तेज हो गई हैं. सभी की नजरें दिल्ली हाईकमान के फैसले पर टिकी हुई हैं. माना जा रहा है कि हाईकमान जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकता है.राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कैबिनेट विस्तार में युवा चेहरों को मौका मिलने की संभावना है, जबकि प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी किसी नए चेहरे की ताजपोशी हो सकती हैउत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को बदलने की अटकलों से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. मुख्यमंत्री धामी और विधायकों का दिल्ली दौरा इस बात का संकेत है कि जल्द ही बड़े फैसले हो सकते हैं. प्रदेशभर के नेताओं की निगाहें बीजेपी हाईकमान पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में राज्य की सियासत का रुख तय करेगा.
देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार लगातार शिक्षा में महत्वपूर्ण फैसले ले रही है। इसी बीच अब खबर सामने आई है कि राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाया जाएगा। जिसकी शुरूआत अप्रैल-मई महीने से की जाएगी। सबसे पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिया जाएगा। उसके बाद उन्होंने बकायदा तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि अप्रैल में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिया जाएगा। मई में पोषण ट्रैकर ऐप का उपयोग कैसे किया जाना है। इसका प्रशिक्षण प्रत्येक जिले में दिया जाएगा। एप और फोन से संबंधित तकनीकी समस्या आने पर उसके समाधान के लिए हर जिले में सर्विस सेंटर स्थापित किया जाएगा।
सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों की आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तकनीकी सहायता देने के लिए विशेष तरह की व्यवस्था की गई है। उनके लिए टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश की 20 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन देने का टेंडर फाइनल हो गया है।
बता दें कि पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों की हर एक छोटी बड़ी गतिविधियों की लाइव ट्रैकिंग की जा सकेगी। सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्र के सफल संचालन में यह एप कारगार साबित होगा। दिन भर की गतिविधियां और उपस्थिति, अनुपस्थिति के बारे में आसानी से जानकारी मिल जाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों को पारदर्शी बनाना है। जिसको ध्यान में रखते हुए इस एप को बनाया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वच्छता अभियान शुरू किया है, जिससे तीर्थयात्रियों और आम जनता के लिए स्वच्छ और सुरक्षित भोजन सुनिश्चित हो सके। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती के साथ, यात्रा मार्गों पर होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट और खाद्य विक्रेताओं की नियमित जांच की जाएगी। मिलावट पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा।उत्तराखंड सरकार ने खाद्य मिलावट के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है और तीर्थयात्रियों और आम जनता के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाला भोजन सुनिश्चित करने के लिए चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया है। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा और पर्यटन स्थलों पर खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की है।
नियमित रूप से होगी जांच
हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून, टिहरी और ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में स्थायी खाद्य सुरक्षा अधिकारी तैनात किए गए हैं। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जैसे अन्य जिलों से अतिरिक्त अधिकारी तैनात किए जाएंगे साथ ही यात्रा मार्गों और प्रमुख तीर्थ स्थलों पर होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट, मिठाई विक्रेता और खाद्य विक्रेताओं की नियमित रूप से जांच की जाएगी। हाईवे और यात्रा मार्गों पर मोबाइल टेस्टिंग लैब के जरिए खाद्य सुरक्षा टीमें तैनात की जाएंगी।
दूध से बने उत्पाद, मसाले, तेल, आटा, मैदा, मिठाई, शीतल पेय और पैक्ड फूड जैसे उत्पादों की प्रयोगशाला में जांच की जाएगी। मिलावट पाए जाने पर एफएसएसएआई एक्ट 2006 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के खाद्य कारोबार करने वालों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य कारोबारियों को स्वच्छता और गुणवत्ता बनाए रखने के विशेष निर्देश दिए गए हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। यात्रा मार्गों पर गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन अनिवार्य किए जाएंगे। होटल, ढाबों और रेस्टोरेंट में सख्त कचरा प्रबंधन नियम लागू होंगे।
देहरादून: उत्तराखंड के गांवों में स्थित कई विद्यालयों में छात्रों की संख्या बेहद कम कम हो रही है। ऐसी स्तिथि में सरकार विद्यालयों को बंद करवा रही है। उत्तराखंड के 23 माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या शून्य होने एवं विद्यालय विलय किए जाने से बंद कर दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के गांवों में बच्चों की संख्या बढ़ने पर क्षेत्र के किसी भी विद्यालय को बंद नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड में वर्तमान समय के तीन हजार प्राथमिक विद्यालय बंद होने की कगार पर हैं। इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या 10 या फिर इससे भी कम रह गई है। शिक्षा विभाग का यह हाल तब है जब विभाग में दस हजार करोड़ से अधिक का बजट है।
उत्तराखंड में पिछले तीन सालों में जिन जिलों में माध्यमिक विद्यालयों को बंद किया गया है, उनमें चमोली, टिहरी गढ़वाल , पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, और नैनीताल जिले शामिल हैं। इनमें कई माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या शून्य होने के कारण उन्हें बंद कर दिया गया। प्रदेश में केवल 11 इंटर कालेज ऐसे हैं, जिनमें छात्रों की संख्या एक हजार से अधिक है। इसके विपरीत, प्रदेश में 1108 इंटर कालेज ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 500 से कम है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार द्वारा आईफोन और अन्य सामान खरीदने के लिए कंपनसेटरी डिफोरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग ऑथॉरिटी के कथित दुरुपयोग से संबंधित मामले का सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा कर दिया है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव की ओर से दी गई दलील को सुनने के बाद मुकदमे को बंद करने का आदेश दिया है. मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि गतिविधियों पर खर्च की गई राशि कुल निधि 753.56 करोड़ रुपये फंड्स में से केवल 1.8 प्रतिशत राशि का इस्तेमाल गैर-स्वीकृत गतिविधियों में किया गया था.
राज्य सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी कोई विचलन नहीं होगी और केंद्र द्वारा ब्याज दर अधिसूचित होने पर उपयोग की गई राशि को ब्याज सहित वापस किया जाएगा. साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की गई है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कार्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण के मामले में भारतीय वन.सेवा और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जांच की धीमी गति पर असंतोष व्यक्त किया है. कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार ने वन रेंजर्स के खिलाफ तो कार्रवाई की है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जांच धीमी गति से चल रही है.कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सभी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही तीन महीने के भीतर पूरा करने को कहा है. कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार वनरोपण के लिए निर्धारित कैम्पा फंड का कथित तौर पर आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज की खरीद और इमारतों के जीर्णोद्धार सहित अस्वीकार्य खर्चो के लिए इस्तेमाल किया गया. कैग रिपोर्ट में 2019-2022 तक कैम्पा फंड के दुरुपयोग का जिक्र है. इसमें कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई है. कैग रिपोर्ट के मुताबिक इस फंड का इस्तेमाल कोर्ट केस लड़ने और निजी खर्चो के अलावा आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज, कूलर और ऑफिस रेनोवेशन के लिए भी किया गया.