श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से प्राइवेट कॉलेजों को मान्यता देने की प्रक्रिया सवालों के घेरे में है, जिससे हजारों बच्चों का भविष्य जुड़ा है। दरअसल, एक प्राइवेट कॉलेज ने एक आरटीआई पर सुनवाई के चलते राज्य सूचना आयोग के सामने हैरान करने वाला खुलासा किया है। जिसके मुताबिक उन्हें छह साल से श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने मान्यता पत्र जारी नहीं किया है।
इस पर आयोग ने पूछा है कि जब मान्यता नहीं तो कॉलेज में किस आधार पर दाखिले हुए, कैसे छात्रों को डिग्री या डिप्लोमा जारी हुआ?अब, ये सवाल कई निजी कॉलेज के हजारों बच्चों के भविष्य के सामने खड़ा है। आशंका है कि ऐसे तमाम कॉलेज हो सकते हैं। मामले जिसकी गंभीरता को देखते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी निजी कॉलेज व संस्थानों की मान्यता एवं सम्बद्धता के बारे में विस्तृत आख्या मांगी है।
इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव को आदेश जारी किया है कि अगली तारीख तक स्पष्ट करें कि उन्होंने कितने कॉलेज और संस्थानों को साल 2019 के बाद से किन-किन पाठ्यक्रम के लिए संबद्धता प्रदान की है।
यह भी बताना होगा कि 2019 के बाद से उन कॉलेजों या संस्थानों ने कितने छात्रों को किन-किन विषयों में डिग्री या डिप्लोमा दिए हैं। इस आदेश की प्रति विश्वविद्यालय कुलपति को भी भेजने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
देहरादून: लव जिहाद के एक नए मामले में मुस्लिम युवक नदीम ने अपना नाम नवीन बताकर हिन्दू लड़की को अपने प्रेम जाल में फंसाया फिर मंदिर में जाकर उससे शादी भी कर ली।
मामला देहरादून के पटेल नगर थाना क्षेत्र का है, जहां पर हिंदू रक्षक दल के संयोजक ललित शर्मा के साथ आए युवकों ने पुलिस के सामने प्रदर्शन किया, हिंदुत्वनिष्ठ नेताओं का आरोप था कि नदीम ने आधार कार्ड में हेर फेर करके अपना नाम नवीन रखा और फिर एक हिन्दू लड़की को अपने प्रेम प्रसंग से जोड़ते हुए उससे मंदिर में जाकर शादी की।
बताया जाता है उक्त लड़की को जब ये बता चला कि नवीन हिन्दू नहीं है तब वो जैसे तैसे उसके चंगुल से वापिस अपने घर पहुंची और उसने सारी बात हिन्दू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं को बताई। जब हिन्दू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं के थाने में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
पटेल नगर थाना पुलिस ने उक्त हंगामे के बाद आरोपी नदीम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और इस शादी में दो अन्य महिलाओं की भूमिका पर भी केस दर्ज किया गया है।
देहरादून: यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई आधुनिक सड़कों में से एक दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे अब अंतिम चरण में है। कुछ छोटे-मोटे कार्यों के कारण अभी तक इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का संचालन शुरू नहीं हुआ है। जानकारी मिली है कि अगले दो से तीन महीनों में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का चलना प्रारंभ हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार 212 किमी लंबे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर 76 किलोमीटर की सर्विस रोड और 16 निकास व प्रवेश बिंदु बनाए जाएँगे, जो कि यात्रियों के सफर को आसान बनाएंगे। ये कार्य सुरक्षा मानक दुरुस्त करने और यात्रियों के सफल सुगमता पूर्ण यात्रा के लिए किए जा रहे हैं। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर वाहन ही नहीं बल्कि पैदल यात्रियों की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है। ऐसे यात्रियों के लिए सभी प्रमुख स्थानों पर फुट-ओवर ब्रिज हैं, ताकि पैदल चलने वाले लोग आसानी से झटपट निकल सकें।
दिल्ली की राजधानी के शास्त्री पार्क से प्रारंभ होकर मंडोला, बागपत, शामली और सहारनपुर होते हुए देहरादून जाने वाला यह एक्सप्रेस-वे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि नए अवसरों के कई द्वार भी खोलेगा, जो लोगों को आय के नए अवसर प्रदान करेंगे। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण से जुड़े 90 फीसदी से ज्यादा काम पूरे हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि अक्षरधाम मंदिर से लेकर बागपत तक 32 किलोमीटर का मार्ग जल्द ही खुलने वाला है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस पर वाहनों की आवाजाही के लिए अब तक कोई निश्चित समय तय नहीं किया गया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले दो से तीन महीनों में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का चलना प्रारंभ हो जाएगा
देश की तीसरी सबसे बड़ी एलिवेटेड रोड दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के शुरू होने से यात्रियों को बहुत सी सुविधाएं होंगी। समय की बचत तो होगी साथ ही प्रकृति का नजारा भी देखने को मिलेगा। देहरादून से दिल्ली का 6 घंटे सफर ढाई घंटे हो तय हो जाएगा। इस सड़क का लगभग 12 किलोमीटर हिस्सा जंगल से होकर गुजरेगा। यात्रियों को देवभूमि पहुँचने से पहले सुंदर दृश्यों का आनंद लेने का मौका मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे लंबा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया गया है। इस कॉरिडोर के ऊपर वाहन चलेंगे तो वहीं, कॉरिडोर के नीचे हाथियों के साथ ही अन्य जंगली जानवर भी स्वतंत्र रूप से घूमेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून के ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेले की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। श्री झंडे जी के आरोहण के साथ ही रामनवमी तक चलने वाला मेला शुरू हो गया है।
राजधानी में आस्था और सद्भावना के प्रतीक श्री झंडे जी के आरोहण के साथ ही आज से देहरादून में झंडे मेले के शुभारंभ हो गया। यहां आस्था का सैलाब उमड़ा है। जयकारों से दरबार साहिब गूंज उठा। श्रीमहन्त देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई में श्रीझंडे जी उतारे गए। इसके साथ ही रामनवमी तक चलने वाला मेला शुरू हो गया है।
परंपरा के अनुसार इस बार श्री झंडे जी के ध्वजदंड को बदला गया। उधर, मंगलवार को श्री दरबार साहिब में पूर्वी संगत की विदाई हुई। इससे पहले श्रीमहंत ने संगत को गुरु मंत्र दिया। श्री दरबार साहिब में सुबह सात बजे से श्री झंडे जी के आरोहण की प्रकिया शुरू हुई। यहां पहले श्री झंडे जी को उतारा गया। इसके बाद दोपहर में दो बजे से श्रीमहंत की अगुवाई में आरोहण हुआ। इसके लिए दून में संगत भक्ति में डूबी रही।मंगलवार को श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने संगत को गुरुमंत्र दिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सूर्य की किरणें सभी को समान रूप से प्रकाश और ऊष्मा देती हैं, उसी प्रकार एक आध्यात्मिक गुरु अपनी कृपा और करुणा सभी पर समान रूप से रखते हैं
सहारनपुर चौक से झंडा बाजार तक भक्तों का सैलाब दिखा। पुलिस ने झंडा बाजार और सहारनपुर चौक पर बैरिकेटिंग लगाकर वाहनों को रोक दिया
वहीं, दोपहिया वाहनों को भी मेला स्थल तक जाने से रोक दिया गया। उधर, आरोहण की पूर्व संध्या पर पूरब की संगत की विदाई हुई। इस दौरान संगत को पगड़ी, ताबीज और प्रसाद वितरित किया गया।
Haridwar News: उत्तराखंड के इस शहर में बस स्टैंड शिफ्ट किया जाएगा। इसमें भी जिन दुकानों को हटाया जाएगा उनके मालिकों और किरायदारों को दूसरे स्थानों पर दुकानें दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि कॉरिडोर निर्माण के संबंध में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए यह पहल की जा रही है।
उत्तराखंड में बस स्टैंड को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। इस प्रक्रिया के तहत मौजूदा दुकानदारों और किरायेदारों को नए स्थान पर दुकानें उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे उन्हें कोई नुकसान न हो। उत्तराखंड सरकार के प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आज धर्मनगरी हरिद्वार में बनाए जाने वाले कॉरिडोर को लेकर हरिद्वार पहुंचे। आज, उन्होंने स्टेक होल्डर्स से मुलाकात की हैं।
कॉरिडोर को लेकर प्रस्तावित लेआउट में किसी प्रकार के ध्वस्तीकरण की योजना नहीं है. हरिद्वार बस स्टैंड को पहले हरकी पैड़ी के पास स्थित नगर निगम के जहान्वी मार्केट में स्थानांतरित करने की योजना है। इसमें भी जिन दुकानों को हटाया जाएगा उनके मालिकों और किरायदारों को दूसरे स्थानों पर दुकानें दी जाएंगी.
हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर शासन का नजरिया और तैयार रुपरेखा का नजारा अब स्पष्ट होने लगा है। इसकी शुरुआत बृहस्पतिवार से तब हुई जब प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम ने डामकोठी पहुंचकर विभिन्न सगठनों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर निर्माण के संबंध में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए यह पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों और अन्य हितधारकों में कोई संशय न रहे इसके लिए उनके साथ स्पष्ट तौर पर वार्ता की जा रही है।
प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि स्थानीय स्टेक होल्डर्स के साथ आज हुई बैठक में कॉरिडोर को लेकर फैल रहे भ्रम को दूर करना था। बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि हरिद्वार के व्यापारियों और स्टेक होल्डर्स को चिंता नहीं करनी चाहिए। प्रस्तावित लेआउट में कॉरिडोर को ध्वस्त करने की कोई योजना नहीं है। उन्हें बताया गया कि योजना का मुख्य उद्देश्य जाहान्वी मार्केट और बस स्टैंड को स्थानांतरित करना है। जो प्रभावित होने वाले किरायदारों और दुकानों के मालिकों को मौजूदा बस स्टैंड के पास बनने वाले कॉम्प्लेक्स में दुकानें देगा।
हरिद्वार कॉरिडोर प्लान में कहा गया है कि हरिद्वार बस अड्डे को चंडीघाट क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे हरिद्वार में लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा। यहां बस अड्डा शिफ्ट होने के बाद शॉपिंग काम्पलेक्स बनाया जाएगा। इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में हरकी पैडी से जिन दुकानदारों को हटाया जाएगा. वहां दुकानों का स्वामित्व दिया जाएगा. जाहन्वी बाजार के हटने से प्रभावित दुकानदारों को यहां स्थानांतरित किया जाएगा। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि बैठक बहुत अच्छी रही।
R.M. सुंदरम ने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर में किसी को उजाड़ा नहीं जाएगा। सिर्फ जहान्वी मार्केट, जिसका मालिक नगर पालिका है, हटाया जाना चाहिए। यहां दुकानदार किराए पर काम करते हैं। इन्हें शॉपिंग काम्पलेक्स में अपनी दुकानें दी जाएंगी। इसके अलावा कोई अतिक्रमण नहीं किया जाएगा।
वहीं हरकी पैडी के सवरूप को कोई नुकसान नहीं होगा। नया द्वीप गंगा में मालवीय द्वीप की तरह बनाया जाएगा। इससे यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। इससे भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी
देहरादून। उत्तराखंड के विद्यालयी शिक्षा विभाग ने प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 789 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को इन शिक्षकों की शीघ्र तैनाती के निर्देश दिए हैं। यह नियुक्तियां प्रवक्ता संवर्ग के रिक्त पदों को भरने के लिए की जा रही हैं, जिससे प्रदेश के पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सके। कला वर्ग के तहत हिन्दी, भूगोल, अर्थशास्त्र, नागरिकशास्त्र और इतिहास जैसे विषयों के शिक्षकों को मेरिट के आधार पर जिलों को आवंटित कर दिया गया है। इनमें हिन्दी के 193, भूगोल के 90, अर्थशास्त्र के 194, नागरिकशास्त्र के 217 और इतिहास के 95 अतिथि शिक्षक शामिल हैं
चमोली में 101, पिथौरागढ़ में 98, पौड़ी में 154, अल्मोड़ा में 90, उत्तरकाशी में 22, टिहरी में 61, नैनीताल में 39, चंपावत में 44, बागेश्वर में 55, रुद्रप्रयाग में 61, देहरादून में 19, ऊधमसिंह नगर में 42 और हरिद्वार में 3 अतिथि शिक्षकों की तैनाती होगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अतिथि शिक्षकों की शीघ्र तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इससे पहले विभाग ने विज्ञान वर्ग के 157 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति भी पूरी कर ली है।
उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद धामी मंत्रिमंडल का जल्द हो सकता है। मंत्री अग्रवाल के इस्तीफे के के बाद धामी कैबिनेट में अब कुल पांच पद खाली हो गए हैं। कैबिनेट विस्तार से पहले भाजपा हाईकमान से भी विचार-विर्मश करने की चर्चाएं हो रहीं हैं।
राजनीतिक सूत्रों की बात मानें तो अग्रवाल के इस्तीफे के बाद बीजेपी विधायकों ने भी फिल्डिंग करनी शुरू कर दी है। दिल्ली से लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक को अपने आप को बेहतर मंत्री साबित करने की कोशिश की जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि हाईकमान धामी कैबिनेट के विस्तार से पहले विधायकों के अनुभव के साथ ही उनकी लोकप्रियता पर जमकर मंथन करेगा। धामी कैबिनेट का अगर विस्तार होता तो सरकार के सामने उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के बीच समन्वय बनाने की भी चुनौती होगी।फिलहाल बिना किसी जल्दबाजी के सरकार हर पहलुओं पर जमकर मंथन करने में जुटी हुई है।दूसरी ओर, उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में पांच पद खाली हो गए हैं। कहा कि धामी सरकार जल्द ही विस्तार होगा।
सूत्रों की बात मानें तो विगत दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह नई दिल्ली में बीजेपी हाईकमान के साथ मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा भी की है। ऐसे में अब जल्द कैबिनेट फेरबदल की संभावना है। मंत्रिमंडल में इन चेहरों को लेकर चल रही चर्चा कैबिनेट में खाली चल रहे पदों के लिए भाजपा के कई विधायकों के नाम उछल रहे हैं।
जिन विधायकों के नाम सर्वाधिक चर्चाओं में हैं उनमें देहरादून से विनोद चमोली, खजानदास, उमेश शर्मा काऊ और मुन्ना सिंह चौहान में से कोई एक हो सकता है। हरिद्वार से मदन कौशिक, आदेश चौहान या प्रदीप बत्रा, टिहरी से विनोद कंडारी, पौड़ी से ऋतु खंडूड़ी, रुद्रप्रयाग से आशा नौटियाल।नैनीताल से रामसिंह कैड़ा, बंशीधर भगत और पिथौरागढ़ से विशन सिंह चुफाल आदि के नाम शामिल हैं। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष के साथ ही कैबिनेट से कुछ मंत्रियों को हटाकर उनके स्थान पर नए चेहरों को जगह दिए जाने की भी चर्चाएं हैं।
विश्व के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र उत्तराखंड में देवप्रयाग जल्द ही पर्यटन के लिहाज से भी बड़ा आकर्षण बनने जा रहा है। देवप्रयाग में गंगा के किनारे मरीन ड्राइव तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही कीर्तिनगर से चौरास के बीच भी मरीन ड्राइव बनाने का निर्णय किया गया है।
सरकार ने इसके लिए प्राथमिक बजट 13 करोड़ तय किया है। देवप्रयाग संगम के निकट पौड़ी मोटर पुल से लेकर पैदल पुल तक बनने वाला यह मरीन ड्राइव आने वाले समय में पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।
चारधाम यात्रा के दौरान व सर्दियों के सीजन में भी बड़ी संख्या में पूरी दुनिया से लोग देवप्रयाग पहुंचते हैं। मरीन ड्राइव प्रोजेक्ट में गंगा के दाहिने किनारे की तरफ रेतीले तट से सटाकर पर्यटन सुविधाओं से जुड़ी एक विस्तृत पट्टी विकसित की जाएगी। यहां लोगों सुबह-शाम की वॉक तो कर ही सकेंगे। साथ ही रेतीले तट पर सर्दियों में धाम तापो पर्यटन भी किया जा सकेगा।
देवप्रयाग के भाजपा विधायक विनोद कंडारी ने देवप्रयाग और कीर्तिनगर में मरीन ड्राइव मंजूर करने के लिए सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से वह मरीन ड्राइव के विकास के लिए प्रयास कर रहे थे और अब इसे मंजूरी मिलने के बाद देवप्रयाग और आसपास के क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उत्तराखंड में चार प्रमुख मंदिर और पर्यटन स्थलों में नए रोपवे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। उत्तरकाशी में रैथल बारसू,, वरुणावत पर्वत, रुद्रप्रयाग में कार्तिकेय स्वामी मंदिर और टिहरी में कुंजापुरी मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट की उपयुक्तता जांच में विशेषज्ञों ने हरी झंडी दे दी है।
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने हिन्दुस्तान से बातचीत में इसकी पुष्टि की। इन चारों प्रोजेक्ट पर पिछले काफी समय से काम किया जा रहा था। फिजीबिलिटी रिपोर्ट के सकारात्मक आने से इन प्रोजेक्ट पर आगे की कार्यवाही का रास्ता खुल गया है। इसके साथ ही केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जल्द ही उन्हें फाइनल कर दिया जाएगा। दून से मसूरी तक रोपवे प्रोजेक्ट सितंबर 2026 से पर्यटकों के लिए शुरू हो जाएगा। पर्यटन सचिव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत 26 टॉवर बनाए जाने हैं। यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट में बनने वाले नौ टॉवर में पांच टॉवर को दिसंबर अंत तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। पूर्णगिरी मंदिर के रोपपे की जांच भी जारी है। नैनीताल रोपवे प्रोजेक्ट के लिए लैंड ट्रांसफर की एनओसी मिल गई है।
आईपीएल 2024 में मुंबई के कप्तान हार्दिक पांड्या पर धीमी ओवर गति के कारण बीसीसीआई ने उन पर 30 लाख का जुर्माना और एक मैच का निलंबन लगाया था। आईपीएल ने बयान में बताया कि हार्दिक पर आईपीएल की आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में 30 लाख रुपये के जुर्माना के अलावा एक मैच का प्रतिबंध भी लगाया गया है।
मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पांड्या आईपीएल 2025 का पहला मुकाबला नहीं खेल पाएंगे। उन पर एक मैच का प्रतिबंध लगा है। बता दें कि, आईपीएल के 18वें सत्र की शुरुआत 22 मार्च से होगी। मुंबई अपने अभियान का आगाज 23 मार्च को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मुकाबले से करेगी। इस मैच में स्टार ऑलराउंडर नहीं खेलेंगे। पिछले संस्करण में हुई गलती के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें सजा सुनाई है।
दरअसल, आईपीएल 2024 में मुंबई के कप्तान हार्दिक पांड्या पर धीमी ओवर गति के कारण बीसीसीआई ने उन पर 30 लाख का जुर्माना और एक मैच का निलंबन लगाया था। आईपीएल ने बयान में बताया कि हार्दिक पर आईपीएल की आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में 30 लाख रुपये के जुर्माना के अलावा एक मैच का प्रतिबंध भी लगाया गया है।
जब बोर्ड ने यह कार्रवाई की थी तब मुंबई का कोई मैच नहीं बचा था और टीम ग्रुप चरण में अपने सभी 14 मैच खेल चुकी थी, ऐसे में हार्दिक पर यह निलंबन अगले सीजन लागू होने की बात कही गई थी। अब वह 2025 सीजन का पहला मैच नहीं खेल सकेंगे। उस वक्त आईपीएल ने बयान में बताया था कि हार्दिक के अलावा प्लेइंग-11 में शामिल टीम के अन्य खिलाड़ियों पर 12 लाख रुपये या मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना इंपैक्ट प्लेयर पर भी लागू होगा।
आईपीएल 2024 सीजन से पहले मुंबई ने टीम में बड़ा बदलाव करते हुए हार्दिक पांड्या को गुजरात टाइटंस से ट्रेड कर टीम में शामिल किया था। हार्दिक लंबे समय तक मुबंई का हिस्सा रहे थे, लेकिन 2022 सीजन के लिए हुई बड़ी नीलामी से पहले मुंबई ने उन्हें रिलीज कर दिया था और हार्दिक को गुजरात ने अपना कप्तान बनाया। हार्दिक का गुजरात के साथ सफर काफी शानदार रहा और उन्होंने टीम को पहले ही सीजन विजेता बनाया, जबकि गुजरात पिछले सीजन उपविजेता रही। हालांकि आईपीएल 2024 से पहले ही हार्दिक ने गुजरात का साथ छोड़कर पुरानी फ्रेंचाइजी में लौटने का फैसला किया। हार्दिक को मुंबई ने रोहित की जगह कप्तान बनाया, लेकिन उनके नेतृत्व में मुंबई का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। मुंबई की टीम 14 मैचों में चार जीत और 10 हार के साथ आठ अंक लेकर सबसे नीचे 10वें नंबर पर रही।